Tuesday, November 10, 2009

मेरा पहला प्रयास

बहुत समय से ब्लॉग लिखने की इच्छा थी। इसके लिए मेरे बड़े भैय्या मुझे हमेसा से प्रेरित किया करते थे। इच्छा यह भी थी कि ब्लॉग हिन्दी भाषा में ही लिखा जाए परन्तु पहला ब्लॉग अंग्रेजी भाषा में लिखना पड़ा क्योकि यह हमारे महाविद्यालय में दिए गए कार्यभार का एक भाग था तथा इसके प्राप्त अंक मेरे परीक्षा परिणाम में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले थे, अतः अंग्रेजी भाषा का प्रयोग करना मेरी मज़बूरी थी। वैसे मैं हमेशा से हिन्दी माध्यम का छात्र रहा हूँ। मैंने अपनी स्नातक (कला तथा विधि संकाय) की उपाधि हिन्दी माध्यम से ही ली है परन्तु क्या करे स्नातकोत्तर की उपाधि अंग्रेजी माध्यम से लेनी पड़ रही है क्योकि प्रबंधन में यह उपाधि लेने का कोई अन्य माध्यम हमारे राष्ट्र में नही है। अतः हिन्दी भाषा से जुड़े रहने के लिए भी ब्लॉग का सहारा लेना पड़ रहा है। मैं ब्लॉग के माध्यम से मेरे विचार भी पोस्ट करना चाहूँगा जो मैं सामान्यतया आम लोगो के बीच में नही रख पाता हूँ। मैं अपने अध्यापक श्री prathviraj जी घोरपड़े को धन्यवाद् देना चाहूँगा। इन्ही की वजह से मैं अपना ब्लॉग लिखने का सालो पुराना सपना साकार कर पाया। कहते है जब तक कोई काम आपकी मज़बूरी न बने वह शुरू नही हो पाता। मैं अपने बड़े भैय्या श्री नितिन जी बागला को भी धन्यवाद gyapit करना चाहूँगा जिन्होंने मुझे ब्लॉग लिखने की प्रेरणा दी। अभी हिन्दी भाषा का नया खिलाड़ी हूँ अतः अगर कोई भूल-चूक हो तो क्षमा करे तथा मुझे यह गलती इंगित करने का कष्ट करे।

10 comments:

  1. अच्छा प्रयास। लिखते रहो।
    अगर बचपने से हिन्दी बोलते/लिखते/पढते रहने, सारी पढाई हिन्दी में पूरी करने और कई सारी हिन्दी वाद विवाद, नाटक, संगीत प्रतियोगिताओं में भाग लेने की बाद आपको यह कहना पड रहा है कि "अभी हिन्दी भाषा का नया खिलाड़ी हूँ" तो यह विचारणीय बात है। हिन्दी टाइपिंग में समस्या समझ आती है पर पूरी भाषा के बारे में ऐसा?
    कुछ ऐसा ही संदेश आपके प्रोफाइल पर लिखी इस पंक्ति से जाता है "Like Hindi very much but not so good in it". प्यारे, Not so Good ना सही, पर Not so bad भी नही हो। सोंचना।
    शुभकामनाएं।

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  2. स्वागत है रोहित आपका।
    आप शायद गूगल के उस रद्दी टूल से टाईप कर रहे हैं बाकी हिन्दी में टाईपिंग इतनी मुश्किल भी नहीं। बरहा या इंडिक आई एम ई इन्स्टाल कर लो फिर देखो कैसे फटाफट टाईपिंग होती है।
    अच्छा ये बताईये मुझे पहचाना कि नहीं? आप मुझसे एकाद बार मिल चुके हो।

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  3. धन्यवाद सागर जी ,
    पहचानेगें कैसे नही ।
    और आपका सायबर कैफे कैसा चल रहा है।
    हमेशा संपर्क में रहिएगा।

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  5. रोहित आपका प्रयास सराहनीय है। आज समाज में जब माता पिता बच्चो को कॉन्वेंट विद्यालयो में केवल अंग्रेजी सिखाने के उद्देश्य से भेजते है तो में मेरे मन में कई सवाल उठते है । मैं तो समझता हूँ कि आपकी तरह औरो को भी ये प्रयास करना चाहिए जिससे हिन्दी का महत्व आगे आने वाली पीढी को पता चलता रहे। धन्यवाद ।

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  6. रोहित आपका हिंदी ब्लॉग जगत में स्वागत है...

    जय हिंद...

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  7. स्वागत है आपका...!हिंदी में लिखने पर आप बधाई के पात्र है..आशा है आपके विचार निरंतर मिलते रहेंगे...

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  8. हिंदी ब्लॉग जगत में स्वागत है...नियमित लिखिये!! शुभकामनाएँ.

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  9. आप सभी को कोटि - कोटि धन्यवाद,
    आप सभी की आशाओं पर खरा उतरूँ तथा नियमित लिखता रहूँ, यही प्रयास रहेगा!!

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  10. बहुत अच्छा कामं आरंभ किया है। एक सलाह दूंगा। हिन्दी में लिखना है तो जल्दी से इनस्क्रिप्ट टाइपिंग सीख लें। समय की बहुत बचत हो जाएगी।

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